Surkh Hota Chehra

Rated 5.00 out of 5 based on 1 customer rating
(1 customer review)

449.00

“सुर्ख होता चेहरा” लेखक “सायम ख़ान” की कहानियों में से वो पहली कहानी है जो किताब की सूरत में पेश की गई है। यह कहानी उन मासूम आवाज़ों की है, जो अक्सर घुटकर रह जाती हैं। “सुर्ख होता चेहरा” एक ऐसा मार्मिक सफर है जो बाल यौन शोषण जैसे गंभीर विषय को उजागर करता है। एक सच्चाई जिसे समाज अक्सर अनदेखा करता है। यह किताब ना सिर्फ़ पीड़ित की पीड़ा को सामने लाती है, बल्कि उसके साहस, संघर्ष और आत्म-खोज की भी कहानी कहती है। लेखक ने बेहद संजीदगी से उस अंधेरे को उजागर किया है, जिसमें कई बच्चे अकेले दम पर जूझते हैं। यह किताब दर्द से शुरू होती है लेकिन उम्मीद पर खत्म होती है। यह हर उस व्यक्ति के लिए है जो सुनना, समझना और बदलाव लाना चाहता है। “सुर्ख होता चेहरा” एक आवाज़ है उन सबके लिए जो कभी बोल नहीं पाए।

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1 review for Surkh Hota Chehra

  1. Rated 5 out of 5

    Shaheukh saifi

    Sayam sir की एक बेह्तरीन किताब जिसमें आपको बहुत कुछ सीखने को मिलता है
    माँ बाप की बेपरवाह का नतीजा क्या हो सकता है
    मासूम बच्चे का शोषण समाज की दरिंदगी सब को बिना waqt गंवाए सही ढंग से पेश किया है
    Sayam sir ki यही बात मुझे बहुत अच्छी लगती है कि वह कहानी को बेमतलब नहीं खींचते ब्लकि कहानी को शानदार ढंग से पेश करते है कहानी कही से बोरिंग नहीं लगती
    धन्यवाद आपकी बेह्तरीन कहानी के लिए

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