Surkh Hota Chehra

449.00

“सुर्ख होता चेहरा” लेखक “सायम ख़ान” की कहानियों में से वो पहली कहानी है जो किताब की सूरत में पेश की गई है। यह कहानी उन मासूम आवाज़ों की है, जो अक्सर घुटकर रह जाती हैं। “सुर्ख होता चेहरा” एक ऐसा मार्मिक सफर है जो बाल यौन शोषण जैसे गंभीर विषय को उजागर करता है। एक सच्चाई जिसे समाज अक्सर अनदेखा करता है। यह किताब ना सिर्फ़ पीड़ित की पीड़ा को सामने लाती है, बल्कि उसके साहस, संघर्ष और आत्म-खोज की भी कहानी कहती है। लेखक ने बेहद संजीदगी से उस अंधेरे को उजागर किया है, जिसमें कई बच्चे अकेले दम पर जूझते हैं। यह किताब दर्द से शुरू होती है लेकिन उम्मीद पर खत्म होती है। यह हर उस व्यक्ति के लिए है जो सुनना, समझना और बदलाव लाना चाहता है। “सुर्ख होता चेहरा” एक आवाज़ है उन सबके लिए जो कभी बोल नहीं पाए।

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