Meri Koochi Unke Khayalo Ke Rang

199.00

इस काव्य संग्रह में ज्यादातर रचनाएं प्रेम रस में लिखी है, इसलिए इस संग्रह का नाम मैंने ‘मेरी कृषी तेरे खयालो के रंग रखा है। कूची याने पेंटिंग बनाने का ब्रश यहां कूची, कवि के शब्दों के द्वारा की गई उसकी अभिव्यक्ति है। हुस्न के तमाम रंग जो कवि के ख्याल में आते हैं, जैसे नाक नक्शे, सुंदरता, अदाएं, हंसी- मुस्कान आदि रंगों से वह कलाकृति बनाता है। इस दुनिया को चलाने वाला, हमारी जिंदगियों में खुशियां भरने वाला, धर्म जाति से पृथक रहते दिल को दिल से जोड़ने वाला रस प्रेम है, इसलिए संग्रह में प्रेम रस का भरपूर उपयोग हुआ है।

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