Kal Unki Thi Diwali

250.00

कल उनकी थी दीवाली’ यह कविता संग्रह जहां सामाजिक तथा राजनीतिक बुराइयो, विसंगतियों पर गहरा व्यंग्य करती है वहीं दूसरी ओर निराशा, अवसाद, दुख-दर्द में सिमटी जिंदगी को जीवन प्रति आशा, उत्साह, उमंग की ऊर्जा प्रदान करती है। यह कविताएं सरल शब्दों में जीवन के विभिन्न पहलुओं पर नई दिशा और दृष्टिकोण देती सीधा दिल को छूने और दिमाग को झकझोर देने वाली है।

Category:

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Kal Unki Thi Diwali”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Live Chat!