Jyotsna

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बचपन में कुछ कवियों की विभिन्न रचनाओं का गायन अति रुचिकर लगता था। यदा-कदा कविता लेखन में रूचि उत्पन्न होने लगी और लिखते रहने के सपनों को न छोड़ने की ज़िद, परिजनों के सहयोग व सहकर्मियों के उत्साहवर्द्धन से ही काव्य संग्रह “ज्योत्स्ना” का प्रकाशन संभव हो सका है। इस पुस्तक के प्रकाशन की बेला में क्यू.सी.एफ. आई. और उन सभी का हृदय से आभार।

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