Monster Girl

225.00

एक लेखक के तौर पर मैं जब भी कुछ लिखता हूं जीवन के किसी भी छुए अनछुए पहेलुओं को दर्शाने की कोशिश करता हूं इस किताब में भी मैने प्रेम के खिलते गुलाब से लेकर उसके अंतिम परिणति तक का वर्णन बखूबी से करने की कोशिश की है उसे प्रेम कहूं या वासना मुझे समझ नहीं आ रहा है एक तरफ प्रेम का अथाह सागर पनप उठा है और दूसरी तरफ सिर्फ वासना छल कपट का माया जाल है प्रेम की खूबी ही यही है की वो जान बूझ कर इस जगह जाना चाहता है जहां उसकी मृत्यु लिखी है जैसे किट पतंगों को दीपक के लौ का प्रेम ही उसे जलाकर भस्म कर देता है मैंने एक लेखक के तौर पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की है उम्मीद करता हूं मैं पाठको के उम्मीदों पर खरा उतरूंगा।

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