Dhanuk Jaati

Rated 5.00 out of 5 based on 2 customer ratings
(2 customer reviews)

350.00

यह पुस्तक पड़ोसी देशों नेपाल, बांग्लादेश सहित अपने देश भारत के विभिन्न प्रान्तों में विभिन्न आर्थिक व सामाजिक स्थिति के चलते अलग-अलग वर्गीय श्रेणियों में समाहित धानुक समाज को जाति-उत्पत्ति, विभिन्न काल परिस्थितियों वश अपनाये कार्यों, रीति रिवाजों, संस्कारों, पूजा पद्धतियों, धार्मिक मान्यताओं को जानने समझने, संगठित रहने, समाज की दयनीय आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक व राजनीतिक स्थिति के कारणों एवं निदानों सहित समाज के आदर्श, प्रेरणास्रोत, रहे लोगों से सम्बन्धित जानकारियों को तथ्यात्मक, तार्किक विश्लेषण से अपने में समेटे हुए है। यह न केवल सम्बन्धित जातीय पाठकों के लिए उपयोगी है, बल्कि हर जाति – वर्ग के समाजसेवियों, राजनीतिक जानकारों, साहित्यिक प्रेमियों, बुद्धिजीवियों का ध्यान पुस्तक में समाहित विषय-वस्तु अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम होगी। ऐसा मेरा मानना है, बाकी वास्तविकता पाठकों की मानक कसौटियां निर्धारित करेंगी। तभी मालूम होगा कि लेखन क्षेत्र में रखा पहला कदम मुझे क्या संदेशित करता है?

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2 reviews for Dhanuk Jaati

  1. Rated 5 out of 5

    Sanjay katheriya

    Bahut accha hai

  2. Rated 5 out of 5

    Sanjay katheriya

    Bahut accha

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