VIRASAT Ek Kavya Sangrah
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शब्दों में संजोई गई एक पारिवारिक परंपरा ‘विरासत’ एक अनूठा काव्य-संग्रह है, जिसमें तीन पीढ़ियों की रचनात्मक अभिव्यक्तियाँ एक साथ पिरोई गई हैं। वसंत रहाटगांवकर, विवेक रहाटगांवकर, विभास रहाटगांवकर और सारंग रहाटगांवकर – चार रचनाकारों की यह साझा साहित्यिक याला गीत, ग़ज़ल और कविताओं के माध्यम से पाठकों को एक आत्मीय अनुभव से जोड़ती है। संगीत और साहित्य से समृद्ध इस पारिवारिक परंपरा की झलक इनकी रचनाओं में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है— जहाँ अनुभव, भाव और विचार तीन पीढ़ियों के माध्यम से एक ही धागे में गुंथे हैं। यह संग्रह केवल पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि महसूस करने के लिए है। साहित्य में इस तरह का यह एक अनोखा संग्रह है, जिसमें परिवार, परंपरा और कल्पना की त्रिवेणी बहती है।
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