Rishte aur Jazbaat – Bhawnao Ka Safar

149.00

यह पुस्तक काव्य कृति का संकलन है, जो कि नाम से प्रासंगिक है कि यह रिश्तों के साथ बंधी एक डोर से जुड़े स्पंदन, डोर की पकड़, डोर को थामे रखने की ललक, डोर की शिथिलता, डोर का तनाव, डोर से तंतु का विघटन, डोर टूटने का भय और भय को जीतकर, बाहर निकलने की बात करती है।

जीवन के सभी रिश्ते और उनके पहलुओं को बखूबी से जीने, कर्तव्यपरायणता, कर्तव्यबोध, भावनाओं का सम्मान और भावनाओं को एक ताल के साथ गति प्रदान कर रिश्तों का सफ़र तय करने का शिल्प इस काव्य संग्रह में है।

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